उत्तर प्रदेश में आगरा जिला कोरोना वायरस का सबसे बड़ा हॉटस्पॉट बन गया है। 24 घंटे में 47 नए मामले आए हैं। इनमें शनिवार को 12 और रविवार सुबह 35 मरीज मिले। जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह ने बताया कि जिले में अब संक्रमितों की संख्या 138 हो गई है। इनमें 124 केस सक्रिय हैं। प्रशासन के सामने अब नई चुनौती निजी अस्पताल हैं, जिनसे जिलेभर में यह मर्ज फैला है।
जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह ने कहा कि अब तीन नई चुनौती हैं, इनमें पारस अस्पताल और संपर्क में आए 16 पॉजिटिव, फतेहपुर सीकरी के 14 पॉजिटिव, शहर के डॉ प्रमोद मित्तल और संपर्क आए पांच पॉजिटिव शामिल हैं। आगरा में अब तक 2264 लोगों की सैंपलिंग की गई है।
जिलाधिकारी ने कहा कि जिले में कोरोना संक्रमण की गति बढ़ गई है। फतेहपुर सीकरी में एक युवक से उसके परिवार के 14 लोग संक्रमित हुए। पारस अस्पताल के एक कर्मचारी से आठ में संक्रमण फैला है। हमने तीनों प्रमुख हॉटस्पॉट के प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से संपर्क में आए लोगों की पहचान कर ली है। इन सभी को क्वारंटीन में रखा गया है।
जिलाधिकारी ने बताया कि दो दिन में स्थिति अचानक बिगड़ गई है। 10वें पॉजिटिव ने 12 और 11वें पॉजिटिव ने 30 लोग संक्रमित कर दिए। कुल 138 संक्रमितों में 60 जमाती हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि यह आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है और फिर इसमें कमी आएगी।
उन्होंने कहा कि संक्रमण सबसे ज्यादा जमातियों से फैला। फिर पारस हॉस्पिटल से और अब डॉ.प्रमोद मित्तल से फैल गया। संक्रमण फैलने से रोकने के लिए अब क्वारंटीन ही इसका एकमात्र उपाय है। अगले दो दिन क्वारंटीन में गए लोगों पर बहुत कुछ निर्भर करेगा। हम क्वारंटीन में गए सभी लोगों के संपर्क फिर से तलाशेंगे। अधिकतम 70-75 को एक स्थान पर रखेंगे
उन्होंने कहा कि मरीजों की संख्या बढ़ने की वजह आगरा में बड़े पैमाने पर सैंपलिंग है। आगरा में अप्रैल में प्रतिदिन औसत 150 सैंपल से अधिक है। आगरा में अब तक 2264 और नोएडा में 1450 की सैंपलिंग हुई है। इसलिए हम इन आंकड़ों से निराश नहीं हैं। फिलहाल हम अब तीन काम करेंगे। बड़ी संख्या में सैंपलिंग, सामाजिक दूरी का पालन और क्वारंटीन।